Tuesday, November 18, 2025
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संस्कृति के रक्षकों को रोजगार से जोड़ने की जरूरत: डॉ. हरीश

देहरादून: उत्तराखंड की लोक संस्कृति बचाने वाले कलाकरों को किस तरह रोजगार से जोड़ा जाए। इस विषय पर धरोहर संस्था की ओर धरोहर संवाद गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक प्रमुख डॉ. हरीश ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृति को संजोने वाले संस्कृति कर्मियों सम्मान देने के साथ रोजगार से जोड़ने की जरूरत है। जब रोजगार से जुड़कर ही संस्कृति का संरक्षण हो सकता है, यही वो तरीका है जिससे उत्तराखंड के युवा भी अपनी परंपराओं, मेलों, त्यौहारों, पर्व और संस्कृति से जुड़ेगा। इससे पूर्व शुक्रवार को कार्यक्रम के पहले दिन मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल व पद्मीश्री कल्याण सिंह रावत ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। वक्ताओं ने संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण के विषयों पर विचार रखे।

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शनिवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडीट सभागार में अपनी धरोहर संस्था की ओर से आयोजित दो दिवसीय धरोहर संवाद के अंतिम दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। मुख्य अतिथि आरएसएस के सह क्षेत्र प्रचारक प्रमुख डॉ. हरीश जी, भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष साकेत अग्रवाल ने दीप प्रजवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में माण से आई महिलाओं की सांस्कृतिक टीम ने नंदा देवी व श्री बदरीनाथ भगवान को समर्पित अपने लोक गीत गाए और उनका अर्थ भी लोगों को समझाया।

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संस्था अध्यक्ष विजय भट्ट ने कहा कि उनका उद्देश्य इन जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए उत्तराखंड के युवाओं व आम लोगों को उनके त्यौहारों, पारंपराओं, मेलों, ढोल, गीतों व लोक देवताओं से जोड़ना है। उत्तराखंड का भुगोल व संस्कृति हिमालय में अनूठी है और इस अनोखेपन को आज की पीढ़ी तक पहुंचाकर उनमें गर्व का भाव जगाना के लिए ही संस्था कार्य कर रही है। कह कि उत्तराखंड में रहने वाला हर व्यक्ति चाहे वो किसी भी जाति, धर्म व समाज से हो वह उत्तराखंड की संस्कृति का वाहक है। बताया कि आगे गोल्ज्यू संदेश यात्रा,व्यापारी सम्मेलन, उत्तराखंड धार्मिक कार्यक्रमों पर सम्मेलन, सीमांत सम्मेलन एवं महिला सम्मेलन भी होने जा रहा है।

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इस गोष्ठी की अध्यक्षता श्रीमती सुनीता टम्टा जी ने की। संचालन डॉ. नवीन पंत एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंशुल चावला ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान संस्था के महामंत्री दिनेश बम, सतीश पांडे, कमल किशोर डिमरी, डॉ. श्याम सिंह कार्की, कुन्दन सिंह टकोला, राखी रावत, नीलम जुयाल ध्यानी, प्रो. गुड्डी बिष्ट, डॉ. सूरज पवार, सुनीता पंवार आदि उपस्थित रहे।

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