देहरादून: Snowfall Uttarakhand जनवरी में अक्सर उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर के पहाड़ बर्फ से ढ़के रहते हैं। पर इस साल पूरे हिमालय में बर्फबारी नहीं हो रही। सूखे मौसम के कारण कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। कारोबार, खेती, पीने का पानी, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही है। सवाल उठता है कि मौसम में बदलाव क्यों आ रहा है..
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उत्तराखंड में पहाड़ मैदान से ज्यादा गर्म
उत्तराखंड में तीन महीने से बारिश बर्फबारी नहीं हुई है। पहाड़ मैदानों के मुकाबले ज्यादा गर्म हो गए हैं। नैनीताल, मसूरी, औली, अल्मोड़ा में दिन में पारा 18 डिग्री तक पहुंच रहा है। मैदानों में कोहरे की चादर है। शीतलहर से पारा 10 से 12 डिग्री तक ही पहुंच पा रहा। कश्मीर व हिमाचल Himachal के कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बर्फ ना गिरने से सूने हैं। इससे पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सर्दियों का पर्यटन 50 फीसदी तक गिर गया है। Snowfall Uttarakhand।

जनवरी 2023 में नैनीताल में बर्फ गायब,तापमान 16 डिग्री तक जा रहा।
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ग्लोबल वॉर्मिंग का असर
विशेषज्ञों के अनुसार Global Warming का असर दिखा रही है। एरीज के वायुमंडल वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह के अनुसार तापमान में बदलाव से यह समस्या बढ़ रही है। हिमालय की बेल्ट में बर्फबारी में कमी कई सालों से है। साल दर साल बर्फ कम हो रही है। ग्लेशियम पीछे जा रहे हैं। अब इसका असर नीचले हिमालय व शिवालिक तक दिख रहा है। Nainital-snowfall

जनवरी 2022 में नैनीताल पूरी तरह बर्फ से ढ़का हुआ था
पूरे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी
बर्फबारी व बारिश न होने से ग्लेशियर कम होंगे। इससे नदियों का पानी कम होगा। Uttarakhand Hydropower Projects का उत्पादन कम होगा। पीने के पानी की किल्लत बढ़ेगी। पहाड़ व मैदान में फसल उत्पादन प्रभावित होगा। बर्फबारी न होने से इस साल सेब की नई पौध नहीं लगाई जा सकी है। फसलों का उत्पादन कम होगा। ऐसे में किसी एक राज्य नहीं पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।