Saturday, September 7, 2024
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उत्तराखंड के सुंदरढूंगा ग्लेशियर में कब्जा करके बाबा ने अवैध मंदिर बना दिया

देहरादून: sundardhunga glacier उत्तराखंड में एक कथित बाबा ने सुंदरढूंगा ग्लेशियर के इलाके में कब्जा करके अवैध मंदिर बना दिया है। सुंदरढूंगा ग्लेशियर करीब 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर है। स्थानिय ग्रामीणों की ओर से ग्लेशियर पर कब्जे की शिकायत दर्ज करवाई गई है। बागेश्वर जिला प्रशासन ने राजस्व, वन और पुलिस विभागों के कर्मियों की एक संयुक्त टीम का गठन किया है। जो इस कथित बाबा द्वारा अतिक्रमण के आरोपों की जांच करेगी। अधिकारियों के अनुसार, जांच दल मानसून खत्म होने के बाद ही इस क्षेत्र में जाएगा, क्योंकि अभी रास्ता खतरनाक है।

सुन्दरढूंगा ग्लेसियर के पास स्थित देवी कुंड

पढ़ें: हिमालय की ग्लेशियर झीलें बन सकती है बड़ी तबाही का कारण

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार मामला अनुसार उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में बदियाकोट गांव है। बदियाकोट गांव के कुछ निवासियों ने योगी चैतन्य आकाश नाम के एक बाबा के बारे में शिकायत जिला मजिस्ट्रेट के पास दर्ज करवाई। जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि बाबा ने ग्लेशियर के ऊपर कब्जा करके एक अवैध मंदिर निर्माण कर दिया है। मामले में कपकोट के एसडीएम अनुराग आर्य ने बताया कि ग्लेशियर छेत्र में अवैध कब्जे की शिकायत मिली है। उन्होंने मामले की जांच के लिए एक संयुक्त टीम बनाई है, लेकिन वे मानसून खत्म होने के बाद ही मौके पर जाएंगे।

ग्रामीणों ने दर्ज कराई शिकायत

उन्होंने बताया कि बदियाकोट गांव के कुछ निवासियों ने हमें सुंदरढूंगा ग्लेशियर क्षेत्र में देवी भगवती को समर्पित एक अस्थायी मंदिर के बारे में बताया। जहां एक बाबा ने एक अनधिकृत मंदिर का निर्माण किया है। ग्रामीणों ने यह भी दावा किया है कि बाबा ने स्थानीय परंपरा के विरुद्ध जाकर यहां के देवी कुंड में स्नान भी किया। स्थानीय मान्यता के अनुसार, सितंबर में नंदा अष्टमी मेले के दौरान देवी के पास मौजूद लोगों को ही देवी कुंड में स्नान करने की अनुमति है।

सुन्दरढूंगा ग्लेशियर के ठीक नीचे स्थित कुंड के पास अवैध मंदिर बना दिया गया है।

बाबा कंटेंट क्रियेटर भी वीआईपी के साथ फोटो

जिस कथित बाबा द्वारा इस दुर्गम इलाके में मंदिर बनाने का दावा किया गया है वह उत्तराखंड का नहीं है। बालाजी सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर कई राजनेताओं एवं संघ परिवार से जुड़े लोगों के साथ डाली जा रही है। सोशल मीडिया पर बाबा कंटेंट क्रिएटर के रूप में पंजीकृत है।

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वन विभाग सवालों के घेरे में

इतना दुर्गम इलाके में पानी विभाग की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं हो सकता। सवाल उठता है कि आखिर निर्माण सामग्री बिना वन विभाग की अनुमति और उनके संज्ञान में आए वहां तक कैसे पहुंच गई। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले कपकोट ब्लॉक के उत्तर भाग में 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सुंदरढुंगा ग्लेशियर अत्यंत मनोरम है। वहां पहुंचने के लिए पर्यटकों को वाहन के जरिए जिला मुख्यालय से 38 किमी दूर सोंग और वहां से तीन किमी लोहारखेत जाना पड़ता है। इसके बाद पर्यटकों को करीब 26 किमी पैदल चलकर इस ग्लेशियर तक आना पड़ता है। inclochment in glesier

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