देहरादून: Delhi pollution effect Uttarakhand Air Qwality दिल्ली और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दम घोंटू वायु प्रदूषण अब हिमालय की साफ-सुथरी हवा भी खराब करने लगा है। उत्तराखंड के नैनीताल और मसूरी जैसे पर्यटक स्थलों की हवा में पिछले एक हफ्ते के दौरान Pm 2.5 का स्तर 110 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच चुका है। जिससे यहां की हवा ‘खराब’ श्रेणी में आ गई है। उत्तराखंड के पहाड़ों में वायु प्रदूषण का यह स्तर साल की सबसे खराब हवा का कारण बन गया है। Delhi pollution Uttarakhand
उत्तराखंड में वन्यजीव संघर्ष: नाम बदलने से नहीं, समाधान से बदलेगी तस्वीर
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह के अनुसार, दोपहर के समय गर्म हवा के साथ दिल्ली और आसपास के इलाकों का प्रदूषण पहाड़ों की ओर बढ़ता है। जो पहाड़ों पर दोपहर में नीले रंग की धुंध के रूप में नजर आ रहा है। इसके अलावा हवा में मौजूद नमी इन कणों के साथ मिलकर धुंध की एक परत बना रही है। जिसे इन दिनों शिवालिक श्रेणियों में आसानी से देखा जा सकता है। इस प्रदूषण के कारण नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून और मसूरी में इन दिनों धुंध नजर आ रही है। यही वजह है कि दोपहर बाद पहाड़ी इलाकों में धुंध साफ तौर पर देखी जा सकती है। Delhi pollution Uttarakhand
बारिश ही समाधान
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस समस्या का तात्कालिक समाधान बारिश है। बारिश होने पर हवा में मौजूद प्रदूषक कण जमीन पर गिर जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता सुधरती है। हालांकि, लंबे समय में मैदानी इलाकों में प्रदूषण पर नियंत्रण के बिना इस समस्या का समाधान मुश्किल है। फिल्हाल आने वाले कुछ दिनों तक बारिश होने की भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
अच्छी सेहत के लिए पहाड़ों पर आ रहे पर्यटक
दिल्ली सहित मैदानी इलाकों में दम घोंटू प्रदूषण के कारण उत्तराखंड में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। दरअसल दिल्ली में प्रदूषण के कारण वर्क फ्रॉम होम कई कंपनियों ने लागू कर दिया है। जिसका फायदा उठाते हुए काफी संख्या में लोग ऋषिकेश, नैनीताल, मसूरी, टिहरी सहित हिमालय के अंदरूनी हिस्सों में पहुंच रहे हैं। की हवा अब भी मैदानी इलाकों के मुकाबले काफी साफ है। Delhi pollution Uttarakhand